Friday, 16 May 2014

// सुख //



// सुख //

गुलाब फुले काट्यात..
कमल ते चिखलात..
तैसे हे जीवन..
बहरे सुख दु:खात..!!

जगावे तर सकारात..
सुख आहे वास्तवात..
एक पायरीचे अंतर..
असते सुख दु:खात..!!

व्यर्थ नसावी भ्रांत..
माणूस असावा माणसात..
नाही सुख हो स्वार्थात..
परमार्थ तो समाधानात..!!

*चकोर*

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