Sunday, 26 July 2020

कहाँ तक..

कहाँ तक..
कहाँ तक चलेगा
ये बंद का सिलसिला।
कब खुलेगा भला
इस दुनिया का ताला?
कैद हो गई है,
ज़िन्दगी चार दीवारों में
और तरस रही है गरीबी,
ना नसीब में एक निवाला।
--सुनील पवार..✍️
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