Thursday, 29 December 2016

|| जालीम ||

|| जालीम ||
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तेरे हुस्न के
कायल..
हुए नजरो से
घायल..
तेरे कदमो तले
दिल..
जालिम
जरा
आहिस्ता चल..!!

तू होती जब
ओजल..
छलकते है
जल..
तड़पता यह
दिल
जालिम
जरा
आहिस्ता चल..!!
***सुनिल पवार...✍🏽
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