Thursday, 23 May 2019

ऐसे में तुम आ जाओ..

ऐसे में तुम आ जाओ..
रास्ते अकेले
उसपर लंबा सफर हो
दिल चाहे 
कोई हमसफर साथ हो
ऐसे में तुम आ जाओ
सफर जैसा रेगिस्तान हो
कडकडाती धूप
कही छाँव के आसार ना हो
मन ढूंढने लगे जब हरियाली को
ऐसे में तुम आ जाओ।
बादलों से घिरी राह हो
मन मे भीगने की चाह हो
दिल मे सागर का उछाल हो
उसपर तुम्हारा जब खयाल हो
ऐसे में तुम आ जाओ।
---सुनिल पवार...✍️

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