Friday, 26 June 2015

|| सिलसिला प्यार का ||

सिलसिला प्यार का..

कोई वफ़ा मांगता
कोई खपा होता..
कोई मेल बढ़ाता
कोई खेल खेलता..
सिलसिला प्यार का
यू ही चलता रहता..!!

कही लब्जोंं का सहारा
कही आँखों का इशारा..
कोई नगमे गाता
तो कोई खामोश चाहता..
सिलसिला प्यार का
यू ही चलता रहता..!!

कोई राह तकता
कोई किसीको टालता..
कोई इजहार करता
तो कोई आहे भरता..
सिलसिला प्यार का
यू ही चलता रहता..!!

जपे सब प्यार की माला
मोहे लागे गड़बड़ घोटाला..
मतलब ना कोई जानता
आधे रस्ते से भाग जाता..
सिलसिला प्यार का
यू ही चलता रहता..!!
--सुनिल पवार..



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