मैंने ख़ुशी को चुना..
मैंने ख़ुशी को चुना
दुखों के साथ जीते जीते।
मैंने मुस्कुराना सीखा
अश्कों के घुट पीते पीते।
ये सहज बात नही
फिर भी मैंने अपनाई है।
इस मुस्कुराते चेहरे ने
अपनों से ठोकर खाई है।
आँखों मे नमी छुपाकर
ख़ुशी का प्याले छलकते है।
इतना तो जान गए हम की
लोग दुखों का मजाक उड़ाते है।
--सुनील पवार..

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