आ, अब तो बरस जा...
अब कौन तुम्हें समझाएँ
कितने मौसम आये गए
पर तुम दिल से नही गए
उम्मीद का छाता अब खुला है
आ अब तो बरस जा
अपने प्यार का सबूत दे जा
इस दिल की जलन को
राहत की ठंडक दे जा।
--सुनिल पवार..✍️
कितने मौसम आये गए
पर तुम दिल से नही गए
उम्मीद का छाता अब खुला है
आ अब तो बरस जा
अपने प्यार का सबूत दे जा
इस दिल की जलन को
राहत की ठंडक दे जा।
--सुनिल पवार..✍️
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