Sunday, 10 December 2017

|| खुशियो के चंद लम्हे ||

|| खुशियो के चंद लम्हे ||
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मैने
अब तक
संभाल कर
रखे है
खुशियो के
वह
चंद लम्हे..
वक्त लेता है
करवट
पल में
ना जाने
कब पड़ेगी
इनकी जरूरत
फिर तुम्हे..!!

वैसे तो
अब खुशीया
मेरे काम की नही
क्यू की
मैने जोड़ा है
हर रिश्ता
गमो के घेरो से..
फिर भी
न जाने
क्यों लगता है
अब भी
के
कुछ जानी पहचानीसी
आहट
सुनाई दे रही है
इन्ही राहो के
अंधेरो से..!!
***सुनिल पवार..✍🏼

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