Saturday, 17 August 2019

एक याद..

एक याद..
एक याद
लिखू तो कौनसी लिखू
तुम्हारी हर याद 
दिल के करीब है।
पर अफसोस
इस बात का है के
अब
सिर्फ यादों के सहारे जीना
मेरा नसीब है।
--सुनिल पवार..✍️

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