Saturday, 10 August 2019

रिश्ता...

रिश्ता...
रिश्ता जोड़ा है तो निभाना पड़ेगा
रूठे हुए को मनाना पड़ेगा।
मैं ही क्यों यह सवाल फ़िजूल है
मेल रखना रिश्तों का उसूल है।
तभी तो रिश्ता मजबूत बनेगा
जाते हुए कदमों को रोक पायेगा।
इक़ प्यार का कच्चा धागा काफी है
रिश्ता खुद ही उसमे बँध जाएगा।
--सुनिल पवार..✍️

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