सुबह और हम तुम...
सुबह और हम तुम
हर रोज मिलते है।
ताजगी के फूल
उन्हीं से खिलते है।
हर रोज मिलते है।
ताजगी के फूल
उन्हीं से खिलते है।
हम सांसों में भरते
होठों से लगाते है।
सुबह की चाय को
लोग कहाँ भूलते है।
Good🌞Morning
--सुनिल पवार...✍️
होठों से लगाते है।
सुबह की चाय को
लोग कहाँ भूलते है।
Good🌞Morning
--सुनिल पवार...✍️
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