Thursday, 6 February 2020

एक दिन आराम का..

एक दिन आराम का..
एक दिन आराम का
मुश्किल से मिलता है।
सवेरे की उम्मीद में
इंसान कुछ पल सोता है।

शरीर रुकना चाहता है
मगर मन कहाँ सुनता है।
कल फिर दौड़ना है
सपना हरदम कहता है।
--सुनिल पवार..✍️

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