मंजिल की तलाश में...
मै
हर दिन
तुम्हे देखता हूं
तुम
मंजिल की तलाश में
दिल के रास्ते महकाते हुए
रोज संवरकर गुजरती हो..
मंजिल
खुद इंतजार करती है तुम्हारा
फिर भी
न जाने क्यों
तुम यहाँ वहाँ भटक जाती हो.?
मै तो हमेशा
तुम्हारे आसपास रहता हूं
और तुम
फिर भी अनदेखा कर जाती हो..!!
**सुनिल पवार...✍️
हर दिन
तुम्हे देखता हूं
तुम
मंजिल की तलाश में
दिल के रास्ते महकाते हुए
रोज संवरकर गुजरती हो..
मंजिल
खुद इंतजार करती है तुम्हारा
फिर भी
न जाने क्यों
तुम यहाँ वहाँ भटक जाती हो.?
मै तो हमेशा
तुम्हारे आसपास रहता हूं
और तुम
फिर भी अनदेखा कर जाती हो..!!
**सुनिल पवार...✍️
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