shabda Tarang
Monday, 6 July 2015
II एक दिन ऐसा भी आयेगा II
एक दिन ऐसा भी आयेगा..
एक दिन ऐसा भी आयेगा
बेवफा को वफ़ा से प्यार होगा..
ना मिलेगी मगर वफ़ा
ना नसीब-ए-दीदार होगा..!!
आग लगेगी दिल में मगर
ना तुम जल पाओगी
हकीकत में ना सही
मन ही मन हमें चाहोगी...!!
एहसास होगा उस दिन तम्हे
के पैसोसे प्यार नहीं मिलता..
ऐसा कभी होता अगर
हर चौराहे पर ठेला लागता..!!
आज पेहने है हार किसीके
हार तो यह पेहले से तय थी..
और किसी की नहीं सनम
यह तुम्हारे दिल की ही राय थी..!!
--सुनिल पवार..
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