Monday, 14 September 2015

::II तो क्या गम II:::

::II तो क्या गम II:::
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सपनो को हम..
सदा संजोगते गये..
तो क्या गम,
किसीने बिखरा दिये..!!

हर पल आसपास
उनको रखते गये
तो क्या गम,
हमसे दूर हो गये..!!

कितने मौसम आये
कितने चले गये..
तो क्या गम,
वोह ना आये..!!

नही गम कोई
वोह आये या ना आये..
यादोमें रहेंगे मगर
हमेशा के लीये..!!
******सुनिल पवार...

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