Saturday, 3 October 2020

शाम होने वाली है

 शाम होने वाली है..

शाम होनेवाली है
आ रंगों का लुत्फ़ उठाते है।
घड़ी दो घड़ी
हम तुम साथ बैठ जाते है।
फिर जब रात होगी
पहचान अँधेरे में गुम होगी।
किसको पता है
कल हम कहाँ और तुम कहाँ होगी।
--सुनील पवार..✍️

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