चाँद हमारी बात न माने..
चाँद हमारी बात न माने
उसे मनाऊ तो कैसे मनाऊ।
वो बादलों में छुपा बैठा है
उसे सामने मैं कैसे लावू।
रात मदहोश हो रही है
मन में सपने पिरो रही है।
लेकिन सपनों को हवा देकर
हवा भी खामोश हो गई है।
--शब्द तरंग..✍🏼
चाँद हमारी बात न माने..
चाँद हमारी बात न माने
उसे मनाऊ तो कैसे मनाऊ।
वो बादलों में छुपा बैठा है
उसे सामने मैं कैसे लावू।
रात मदहोश हो रही है
मन में सपने पिरो रही है।
लेकिन सपनों को हवा देकर
हवा भी खामोश हो गई है।
--शब्द तरंग..✍🏼
तुजसाठीच वाटे..
तुजसाठीच वाटे सजावे धजावे
तव शब्दांचे तनुवर मोरपीस फिरावे!
स्पर्श नजरेचा मन मोहरून जावे
अन् क्षणाने क्षणाचे विसावे घ्यावे!!
--सुनील पवार..
शहारामधले जीवन..
शहारामधले जीवन
अशांत अशांत भासते!
इथे प्रत्येक जीवाला
जगण्याची भ्रांत दिसते!!
--सुनील पवार..
कभी कभी..
कभी कभी हम सोचते है
वैसा होता नही!
इन्सान जैसा दिखता है
वैसा होता नही!!
हम देखते वही है
जो सामने से दिखता है!
मगर हर उजाले के पीछे
अंधेरा होता है!!
इसमे कोई शक नही की
सच सामने आता है!
लेकीन उसके पहले ही
बहुत कूछ खोना पडता है!!
--सुनील पवार..
।। ना तुला (°_°) ना मला ।।
जीवन सुंदर आहे..
जीवन सुंदर आहे
ते नित्य पाण्यासारखे वाहते!
कर्माची नाव त्यावरून
सुखदुःखाचा किनारा गाठते!!
--सुनील पवार..✍🏼
*सुप्रभात🌞शुभ सकाळ*