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Tuesday, 13 September 2022

चांद हमारी बात न माने

 चाँद हमारी बात न माने..


चाँद हमारी बात न माने

उसे मनाऊ तो कैसे मनाऊ।

वो बादलों में छुपा बैठा है

उसे सामने मैं कैसे लावू।


रात मदहोश हो रही है

मन में सपने पिरो रही है।

लेकिन सपनों को हवा देकर

हवा भी खामोश हो गई है।

--शब्द तरंग..✍🏼

Monday, 4 January 2021

रात्र निरव

 रात्र निरव..

रात्रीची चाहूल
त्यात एकटे उदास मन।
काही उबदार
तर काही गोठवणारे क्षण।
अपेक्षेत झुळूक
वाहतो बोचरा वारा।
अशांत चित्ताला
कुठे मिळेना थारा।
नजरेत आकाश
मुक्त ताऱ्यांनी सजलेले।
अन् चंद्र एकाकी
क्षण दवांनी भिजलेले।
एक तुटलेला तारा
स्वतःस जाळणारा।
जळता जळताही
इच्छा पूर्ती करणारा।
--सुनील पवार..

Tuesday, 1 September 2020

प्रिय उम्मीद..

 प्रिय उम्मीद..

प्रिय उम्मीद
साथ कभी ना छोड़ना।
तुम से ही सीखा है
हमने ख़तरों से लड़ना।
तुम हो तो
काँटे भी फूल बनते है।
तुम ना हो तो
इरादे डगमगा जाते है।
प्रिय उम्मीद
हाथ हमेशा थामे रहना।
कभी ना छोड़ना
अँधेरे में राह दिखाते रहना।
--सुनील पवार..✍️

Sunday, 14 July 2019

ऐ चाँद..

ऐ चाँद..

सुनी सुनी रात
मन मे मँडराते बादल
हम खड़े तकते छतपर
तुम हो कही उसपार
नजरों से ओझल
मगर
हम इंतजार करते रहे
ऐ चाँद
तुम कहाँ छुपे रहे।
--सुनिल पवार..✍️

Thursday, 23 May 2019

चाँद...

चाँद...
चाँद की प्रतीक्षा में
चाँद भी आजकल दिखता है।
वह आसमाँ में बैठा
हर रोज तुम्हे निहारता है।
तुम झाँकती हो जब खिड़की से
पूनम का अहसास होता है।
तुम्हे देख कर ऐ चाँद मेरे
वह चाँद भी शर्मा जाता है।
वह चाँदनी में खेलता है
फिर तू क्यों तनहा रहता है।
इस चांदनी भरी रातो को
बस तुम्हारा इंतजार रहता है।
--सुनिल पवार...✍️

नींद नही आती..

*रात का अफ़साना*
दिल मे अंधेरा
लब्ज खामोश
सुनी सड़के
सुनी आग़ोश
रात अकेली
रोती सिसकती
न जाने
किसके इंतजार में
आँसू बहाती
क्यों हमें अब
नींद नही आती।
--सुनिल पवार..✍️

रात की आहट

*रात का अफ़साना...*
रात की आहट
और बेचैन सा दिल
याद आती है 
वह तारों की झिलमिल
एक टूटता तारा
जलकर ख़ाक होने वाला
जलते जलते भी
किसी की
मन्नत पूरी करने वाला..!!
--सुनिल पवार..✍🏼

दिलमे उतर गई रात

रात का अफ़साना..
दिलमे उतर गई रात
दफ़न हुए जज़्बात..
क्यों लाते है लोग
दिखावें के सौग़ात।
तुम क्या हो बताओ
कोईं चाँद या आफ़ताब..
कहा ज़िक्र है तुम्हारा
दिखा दो वह किताब।
अब बंद भी करो
जुगनूसी चमचमाहट..
उजाला तो होगा नही
ना मिटेगी काली रात।
--सुनिल पवार...✍️